जोधपुर, 7 सितम्बर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक रविवार को जोधपुर के लालसागर में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। इस बैठक में शिक्षा, समाज और राष्ट्र के महत्वपूर्ण आयामों पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ, साथ ही संघ के शताब्दी वर्ष के लिए तैयार की गई विशेष योजनाओं का अनावरण भी किया गया। अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने आयोजित पत्रकार वार्ता में बैठक के मुख्य निष्कर्षों को साझा किया।
शिक्षा: मातृभाषा से राष्ट्रीय एकता तक
बैठक में शिक्षा क्षेत्र को विशेष प्राथमिकता देते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर जोर दिया गया। विभिन्न शैक्षणिक संगठनों जैसे विद्या भारती, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, और विद्यार्थी परिषद ने मातृभाषा में शिक्षा, भारतीय ज्ञान परंपरा के संरक्षण, पाठ्यपुस्तकों के पुनर्लेखन एवं शिक्षक प्रशिक्षण जैसे कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने अनुभव साझा किए। बैठक ने शिक्षा को न केवल ज्ञान अर्जन का माध्यम, बल्कि राष्ट्रबोध और सांस्कृतिक एकता का स्तंभ बनाने पर बल दिया।
सामाजिक सुरक्षा और जागरूकता: चुनौतियां और समाधान
पंजाब में बढ़ते मतांतरण और युवाओं में नशाखोरी जैसी गंभीर समस्याओं पर चिंता जताई गई और सेवा भारती एवं विद्यार्थी परिषद के नशा मुक्ति अभियानों को सराहा गया। पश्चिम बंगाल में सुरक्षा को लेकर बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ की समस्या पर गंभीर चेतावनी दी गई। पूर्वोत्तर में शांति और विकास की भव्य प्रगति के साथ-साथ मणिपुर में शांति प्रयासों की प्रशंसा की गई। जनजातीय क्षेत्रीय हिंसा में कमी को सकारात्मक संकेत माना गया, पर भ्रम फैलाने वालों के प्रति सतर्क रहने का भी आह्वान किया गया।
संघ शताब्दी वर्ष की भव्य योजनाएं
आंबेकर ने बताया कि संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन, नागरिक कर्तव्य और सांस्कृतिक जागरूकता के क्षेत्रों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह महोत्सव 2 अक्टूबर, 2025 को नागपुर में विजयादशमी उत्सव के साथ प्रारंभ होगा।
महिला सशक्तिकरण में निरंतर प्रगति
महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया गया। क्रीड़ा भारती के जरिए महिला खिलाड़ियों को योग और शिक्षा के साथ प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत अब तक 887 कार्यक्रम सफलता पूर्वक संपन्न हो चुके हैं, जिससे महिलाओं की नेतृत्व क्षमता में वृद्धि हुई है।
सम्बद्ध विवादों का संवेदनशील समाधान
बैठक में संवेदनशील सामाजिक मुद्दों जैसे मतांतरण, घुसपैठ, और काशी-मथुरा विवाद के समाधान में कानूनी प्रक्रिया और संवाद के महत्व को रेखांकित किया गया। शिक्षा में मातृभाषा को बढ़ावा देने तथा सभी भारतीय भाषाओं के सम्मान को सुनिश्चित करने का संकल्प लिया गया।
सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण
6 सितम्बर की सांस्कृतिक संध्या में लोकगायक अनवर खान ने मनोहर प्रस्तुति दी, जिसका सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने हृदय से अभिनंदन किया।
प्रमुख उपस्थित
इस अवसर पर जोधपुर प्रांत संघचालक हरदयाल वर्मा, अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख प्रदीप जोशी और सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर भी उपस्थित थे।
अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बैठक के समापन पर कहा, “संघ की दिशा सकारात्मक है और शताब्दी वर्ष के प्रयास निरंतर चलते रहेंगे, ताकि शिक्षा, समाज और राष्ट्र के क्षेत्र में समग्र विकास और जागरूकता सुनिश्चित हो सके।”






