जयपुर। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की नेतृत्व में युवाओं के बड़े सपनों को पूरा करने और उन्हें स्वावलंबी बनाने की दिशा में “विश्वकर्मा युवा उद्यमी प्रोत्साहन योजना” को मंजूरी दी है। 23 अगस्त 2025 को आयोजित मंत्रिमंडल बैठक में इस महत्वाकांक्षी योजना को स्वीकृति दी गई, जिसके तहत राज्य के 18 से 45 वर्ष के युवा अब स्वरोजगार और नवाचार के क्षेत्र में अपनी पहचान बना सकेंगे।
योजना का उद्देश्य युवाओं में उद्यमशीलता को बढ़ावा देकर न सिर्फ उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि वे रोजगार प्रदाता भी बनें, इसके लिए वित्तीय सहायता, अनुदान और मार्गदर्शन की पूरी व्यवस्था की गई है।
आसान और सस्ता ऋण—नवाचार को मिलेगा बढ़ावा
योजना के तहत युवाओं को किसी वित्तीय संस्थान से अधिकतम 2 करोड़ रुपये तक का ऋण मिलेगा, जिस पर राज्य सरकार 8% तक ब्याज अनुदान देगी। महिला, अनुसूचित जाति-जनजाति, दिव्यांग, ग्रामीण उद्यमियों, बुनकर-शिल्पकारों को 1 करोड़ से अधिक और 2 करोड़ तक के ऋण पर 1% अतिरिक्त अनुदान मिलेगा।
युवा उद्यमियों को अपना कारोबार शुरू करने या विस्तारित करने के लिए अब वित्तीय बाधाएं नहीं आएंगी और वे अपने व्यवसाय, नवाचार व गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।
मार्जिन मनी और सबकी सहभागिता
25% या अधिकतम 5 लाख रुपये तक मार्जिन मनी अनुदान भी योजना के तहत मिलेगा, जिससे युवाओं के लिए व्यवसाय का रास्ता और आसान बनेगा।
योजना में सभी वर्गों की समावेशिता: महिला, अनुसूचित जाति, जनजाति, दिव्यांग, ग्रामीण—हर वर्ग के युवाओं को बराबरी का मौका मिलेगा, जिससे प्रदेश की आत्मनिर्भरता और सामाजिक न्याय को नई ऊंचाइयाँ मिलेंगी।
सरकार की दूरदर्शी नीति
योजना का लक्ष्य महज ऋण-सब्सिडी देना ही नहीं, बल्कि राज्य में स्वरोजगार की क्रांति लाकर राजस्थान को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाना है। सरकार ने इसी सोच के साथ स्किल पॉलिसी, युवा रोजगार प्रोत्साहन योजना, युवा नीति 2025 जैसी कई गंभीर पहल शुरू की हैं।
पाँच वर्षों में 4 लाख सरकारी नियुक्तियाँ व 6 लाख निजी सेक्टर नौकरियों का लक्ष्य है, जिससे युवा भविष्य सुरक्षित एवं सशक्त होगा।
मुख्यमंत्री शर्मा का मानना है कि युवा प्रदेश का भविष्य हैं और उनकी आत्मनिर्भरता से ही राजस्थान आगे बढ़ेगा। विश्वकर्मा युवा उद्यमी योजना उसी दिशा में सरकार का मजबूती भरा कदम है, जो हजारों युवाओं को अपने सपनों की उड़ान देगा।






