अजमेर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अजमेर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में देश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति और राजस्थान की सियासत पर अहम बयान दिए। उन्होंने कहा कि अगर वसुंधरा राजे को फिर से मुख्यमंत्री बनने का मौका मिलता तो “मजा आता”, लेकिन भाजपा ने उन्हें यह अवसर नहीं दिया। गहलोत ने भाजपा से सवाल किया कि वसुंधरा को क्यों दरकिनार किया गया जबकि वे भाजपा की नेचुरल चॉइस थीं।
गहलोत ने वसुंधरा राजे के अनुभव और सियासी समझ को सराहा और कहा कि उनकी गैरमौजूदगी से पार्टी को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि यह सवाल भाजपा नेतृत्व से ही पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने इस बार वसुंधरा को क्यों बाहर रखा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की योग्यता और अनुभव को लेकर भी गहलोत ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भजनलाल शर्मा पहली बार मुख्यमंत्री बने हैं और उनका अनुभव सीमित है। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि वे व्यक्तिगत रूप से भजनलाल के विरोध में नहीं हैं, लेकिन विपक्ष की जिम्मेदारी है कि जनहित के मुद्दों और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आयुष्मान भारत योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह योजना केवल कुछ पात्र लोगों के लिए है, जबकि राजस्थान सरकार की स्वास्थ्य योजना पूरे प्रदेश के लिए है। उन्होंने इसे राज्य की जनता के हित में बेहतर योजना बताया और कहा कि केंद्र की योजना को कमजोर करने की कोशिशें गलत दिशा में हैं।
गहलोत ने मोहन भागवत के जोधपुर दौरे को अहमियत देते हुए कहा कि यह दौरा भाईचारे, प्यार और मोहब्बत का संदेश दुनिया तक पहुंचाए। हालांकि उन्होंने काशी-मथुरा जैसे संवेदनशील विषयों को बार-बार उठाने पर चिंता जताई और चेतावनी दी कि ऐसी बातें देश में दंगे और तनाव को जन्म दे सकती हैं। उन्होंने कहा कि देश को शांति बनाए रखनी होगी और सभी समुदायों को मिलजुल कर रहना चाहिए।
अशोक गहलोत ने कहा कि राजनीतिक आलोचना कोई व्यक्तिगत हमला नहीं होना चाहिए बल्कि जनहित के लिए होनी चाहिए। राजस्थान की राजनीति में विपक्षी दलों का कर्तव्य है सरकार की गलतियों को उजागर करना ताकि जनता को सही जानकारी मिल सके।






