मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किया श्री परशुराम ज्ञानपीठ का उद्घाटन, शिक्षा और संस्कार का नया केंद्र बना जयपुर
— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को जमीन पर उतारने की दिशा में “श्री परशुराम ज्ञानपीठ” ने रचा उदाहरण

जयपुर। राज्य की राजधानी जयपुर के मानसरोवर स्थित शिप्रा पथ पर विप्र फाउंडेशन द्वारा निर्मित “श्री परशुराम ज्ञानपीठ (सेंटर फॉर एक्सीलेंस एंड रिसर्च)” भवन का उद्घाटन मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने भव्य समारोह में किया। इस अवसर पर उन्होंने भगवान श्री परशुराम के आदर्शों को वर्तमान शिक्षा एवं समाज सेवा से जोड़ते हुए इसे पूरे राजस्थान के लिए गौरव की बात बताया।

शिक्षा, संस्कार और शोध का नया केंद्र
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि “श्री परशुराम ज्ञानपीठ” केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि संस्कार, सेवा और सनातन संस्कृति के संवर्धन का प्रतीक बनेगा। उनके अनुसार, इस संस्थान द्वारा भविष्य की पीढ़ी को आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ वैदिक और भारतीय परंपरा के मुल्यों से भी जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री ने विप्र फाउंडेशन के कार्यों को समाज-राष्ट्र के हित में मील का पत्थर करार दिया।
विकास और सामाजिक सरोकार को मिलेगा बढ़ावा
उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन की सराहना करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार सबका साथ-सबका विकास की नीति को मैदान में उतार रही है। उन्होंने शिक्षा, जल, बिजली, रोजगार, स्वास्थ्य, महिला और युवा कल्याण सहित राज्य सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए इसे सामाजिक परिवर्तन का आधार बताया। मुख्यमंत्री ने श्री परशुराम ज्ञानपीठ को सेवा, संस्कार व विद्या का स्रोत बताते हुए समाज को दिशा देने वाला संस्थान कहा।
समारोह में शामिल गणमान्यजन
श्री परशुराम ज्ञानपीठ के उद्घाटन मौके पर वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री श्री संजय शर्मा, राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी, विधायक श्री गोपाल शर्मा, विप्र फाउंडेशन के श्री राधेश्याम शर्मा, संत श्री प्रकाश दास जी महाराज समेत कई प्रमुख लोग मौजूद रहे। सभी अतिथियों ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि इससे समाज के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और संस्कार का माहौल मिलेगा।
जयपुर के मानसरोवर में स्थापित हुआ “श्री परशुराम ज्ञानपीठ” आने वाले वर्षों में शिक्षा, शोध व सेवा के क्षेत्र में समाज को नई दिशा देने का सक्षम मंच सिद्ध होगा






