राजसमंद में राहत व पुनर्वास कार्यों के लिए उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने दिए सख्त निर्देश
‘किसी भी घटना की सूचना पर त्वरित मदद सुनिश्चित करें’, गाँव चलो-शहर चलो अभियान में आमजन को तुरंत राहत—डॉ. बैरवा

जयपुर/राजसमंद। उप मुख्यमंत्री एवं जिला प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने रविवार को राजसमंद जिला कलेक्ट्रेट में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में भारी बारिश के चलते किसी भी आपात स्थिति या अनहोनी पर प्रशासन राउंड द क्लॉक तैयार रहे। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि जलभराव, बाढ़, दुर्घटना या किसी भी घटना की सूचना मिले तो त्वरित राहत व बचाव कार्य तुरंत शुरू करना जरूरी है। जिला प्रशासन की अब तक की राहत कार्रवाई पर उन्होंने संतोष जताया।

संवेदनशीलता और त्वरित राहत पर ज़ोर
बैठक में उप मुख्यमंत्री ने निचले भौगोलिक क्षेत्रों वाले गाँवों और बार-बार समस्याग्रस्त इलाकों में खास ध्यान रखने के निर्देश दिए। उपखंड अधिकारी व तहसीलदार अपने पटवारियों और अनुभवी स्टाफ से गाँवों की पहचान करें, ताकि बारिश या बाढ़ जैसी समस्या पर तुरंत कार्रवाई हो सके।
गिरदावरी, पशुपालन और योजना समीक्षा
किसानों के फसल खराबे की गिरदावरी कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश देते हुए डॉ. बैरवा ने गिरदावरी में पूरी संवेदनशीलता बरतने पर बल दिया। पशुपालन विभाग को सभी चिकित्सालयों में दवाएं, वैक्सीन्स और कोल्ड चैन की सहज उपलब्धता रखने के लिए कहा। पंच गौरव योजना, एक जिला-एक उपज (सीताफल), एक जिला-एक खेल (हॉकी), एक जिला-एक प्रजाति (नीम) जैसे अभियानों की कार्ययोजना और गतिविधियों की भी गहन समीक्षा की गई।
राहत कार्यों की स्थिति और प्रशासनिक तैयारी
जिला कलेक्टर अरुण कुमार हसीजा ने बताया कि जिले में इस साल 818 मिमी वर्षा हो चुकी है, जो बीते 10 वर्षों के औसत से अधिक है। पहाड़ी इलाकों में अत्यधिक वर्षा और मैदानी क्षेत्रों में अपेक्षाकृत कम वर्षा दर्ज की गई है। जिले के लगभग 54% खसरों की गिरदावरी पूर्ण हो चुकी है। कुम्भलगढ़ व राजसमंद जैसी तहसीलों में प्रभावितों का सफल रेस्क्यू किया गया और बिजली-सड़क व्यवस्था बहाल की गई। जिले में 24×7 बाढ़ नियंत्रण कक्ष और एसडीआरएफ टीम सक्रिय है।
विकास, बीमा और समाधान शिविर
एक जिला-एक उत्पाद योजना में मार्बल एवं ग्रेनाइट उद्योग को शामिल किया गया, वहीं ‘एक जिला-एक पर्यटन स्थल’ योजना में कुम्भलगढ़ को चुना गया। बीमा योजना में खरीफ 2025 के लिए 31,320 किसानों का बीमा हो चुका है। गाँव चलो (18 सितंबर-2 अक्टूबर) और शहर चलो (15 सितंबर-2 अक्टूबर) अभियान में हर जगह राहत शिविर लगाए जाएंगे, जिससे जन-समस्याओं का त्वरित प्रभावी समाधान सुनिश्चित हो सके।
डॉ. बैरवा ने कहा— सार्वजनिक हित में सभी विभाग आपसी समन्वय से काम करें और आमजन को समय पर सभी योजनाओं का लाभ मिले।






