जयपुर दक्षिण जिले के कोटखावदा थाना क्षेत्र में पुलिस ने 16 महीने पुराने अपहरण और लूट के सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश करते हुए चार शातिर अपराधियों को महज कुछ दिनों में गिरफ्तार कर लिया है। इस जबरदस्त कार्रवाई में पुलिस ने वारदात में उपयोग की गई बोलेरो गाड़ी भी बरामद कर ली, जबकि गिरोह का मुख्य सरगना अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है।
वारदात का खुलासा
दिनांक 4 अप्रैल 2024 को कंवरपुरा निवासी मनीष चौधरी (पुत्र बद्रीनारायण चौधरी, उम्र 30 वर्ष) को कृषि मंडी चाकसू से घर लौटते समय बोलेरो सवार पांच बदमाशों ने अगवा कर लिया। बदमाशों ने पीड़ित को सुनसान जगह ले जाकर मारपीट की, फिर परिजनों से फोनपे के जरिए 5,000 रुपये ट्रांसफर कराए और उसका मोबाइल लूट कर फरार हो गए। मामले में थाना कोटखावदा में आईपीसी की धाराएं 323, 365, 384, 342, 395 के तहत केस दर्ज हुआ।
पुलिस की सघन कार्रवाई व जांच
जिला पुलिस उपायुक्त श्री राजर्षि राज के नेतृत्व में एवं थानाधिकारी कोटखावदा श्री भरतलाल महर की अगुवाई में बनी विशेष टीम ने सीसीटीवी फुटेज, बैंक डिटेल, मोबाइल सीडीआर, टैक्निकल सर्विलांस व मुखबिर तंत्र का इस्तेमाल कर आरोपियों की पहचान की। जांच में सामने आया कि घटना के समय पांचों आरोपी घटनास्थल के आस-पास मौजूद थे। लगातार दबिश व ट्रैकिंग के बाद पुलिस ने 16 सितंबर 2025 को चार आरोपियों को दबोच लिया व उनके पास से बोलेरो (RJ06 UA 6506) भी बरामद कर ली।
गिरफ्तार आरोपी—पूरा ब्योरा
- राजू मीना पुत्र प्रभूलाल मीना (33), भगवतपुरा, दत्तवास, टोक
- लडडूराम मीना पुत्र जगदीश मीना (29), शिवसिंहपुरा, लालसोट, दौसा
- महेश प्रजापत पुत्र कालूराम प्रजापत (21), पंप के पास, शिवसिंहपुरा, लालसोट, दौसा
- दिलखुश मीना पुत्र रामलाल मीना (23), बालाजी वाली ढाणी, शिवसिंहपुरा, लालसोट, दौसा
- पांचवां व मुख्य सरगना — डीके चांदा उर्फ दिलराज मीना, निवासी चांदा की ढाणी, शिवसिंहपुरा, लालसोट (दौसा) — फिलहाल फरार है।
आपराधिक इतिहास
लडडूराम मीना पर लालसोट थाने में अनेक केस दर्ज—IPC व BNSS की कई धाराओं में चालान पेश।
महेश प्रजापत पर MMDRA एक्ट और चोरी के केस में चालान प्रस्तुत।
पूछताछ में बड़ा खुलासा
गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में स्वीकारा कि उन्होंने यह वारदात खुद के मौज-मस्ती व नशे की लत पूरी करने के लिए अंजाम दी।
पुलिस टीम और प्रमुख सदस्य
विशेष टीम में थानाधिकारी भरतलाल महर के अलावा श्री सुवालाल, नेमीचंद, रामसिंह (तकनीकी), राजेंद्र कुमार जाट, लालीदेवी, संदीप कुमार, सुभाषचंद समेत 14 सदस्य शामिल रहे।
विशेष भूमिका में — श्री राजेंद्र जाट व श्रीमती लालीदेवी।
फिलहाल चारों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है और पुलिस पांचवे मुख्य सरगना की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। साथ ही, इसी गिरोह द्वारा पूर्व में की गई अन्य वारदातों की भी गहन जांच हो रही है।
पुलिस की अपील
पुलिस आयुक्तालय ने क्षेत्रवासियों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या अपराध की सूचना तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम 100, 112 या थाने में दें। पुलिस सख्ती से हर अपराध का जवाब दे रही है।
यह खुलासा पुलिस की सतर्कता, आधुनिक जांच व जमीनी सूचना तंत्र का बेहतरीन उदाहरण है, जिसने एक लंबे अरसे से पुलिस को चुनौती दे रहे गिरोह के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।






