झारखंड के पूर्व मंत्री अनोश एक्का और उनकी पत्नी मेनन एक्का को सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। यह मामला छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) अधिनियम के उल्लंघन से जुड़े अवैध रूप से आदिवासी जमीन अधिग्रहण से संबंधित है।
जेल के साथ एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने दोनों को दोषी ठहराते हुए एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने साफ किया कि जुर्माना न भरने पर एक साल की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। मामले में अदालत ने कुल 10 लोगों को सजा सुनाई है।
इन दोषियों को पांच साल का कठोर कारावास
इसी मामले में तत्कालीन भूमि सुधार उप कलेक्टर (एलआरडीसी) कार्तिक प्रभात और दो अन्य दोषियों मनीलाल महतो व बृजेश्वर महतो को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। वहीं, पांच अन्य दोषियों को चार-चार साल की कैद हुई।
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एनोस एक्का ने फर्जी पते का इस्तेमाल किया, पत्नी के नाम खरीदी आदिवासी जमीन
सीबीआई की जांच में सामने आया कि 2006 से 2008 के बीच, मंत्री पद पर रहते हुए एनोस एक्का ने फर्जी पते का इस्तेमाल कर अपनी पत्नी मेनन एक्का के नाम पर बड़ी मात्रा में आदिवासी जमीन खरीदी। इन सौदों में प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत पाई गई। जमीन की खरीदारी रांची जिले के कई इलाकों में हुई। इन सभी सौदों पर लगभग 1.18 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।