पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) ने शनिवार को 2016 की राज्य स्तरीय चयन परीक्षा (SLST) से जुड़े 1,804 ‘दागी’ शिक्षकों की सूची जारी की। यह कदम 28 अगस्त को आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उठाया गया। अदालत ने आयोग को एक हफ्ते के भीतर यह सूची सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था।
शनिवार रात 8 बजे आयोग की वेबसाइट पर यह सूची अपलोड की गई। इसमें दागी उम्मीदवारों के नाम, रोल नंबर और सीरियल नंबर शामिल हैं। WBSSC अधिकारियों ने बताया कि इन लोगों को आने वाली किसी भी भर्ती परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उम्मीदवारों ने ओएमआर शीट में किया था हेरफेर
स्कूल सेवा आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए हमने 1,804 उम्मीदवारों के नामों की सूची अपलोड की है। ये सभी दागी चिह्नित किए गए हैं। नामों को वर्णानुक्रम में उनके रोल नंबर और सीरियल नंबर के साथ दिया गया है।’ अधिकारियों के अनुसार, इन उम्मीदवारों ने या तो अपने ओएमआर शीट में हेरफेर किया था या फिर प्रभावशाली लोगों की मदद से अपनी रैंक बढ़ाई थी।
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15803 शिक्षक पाए गए बेदाग
आयोग ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के 3 अप्रैल के फैसले में 25753 नियुक्तियां रद्द की गई थीं। इनमें से 5,303 शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी दागी पाए गए। इनमें 1,804 शिक्षक हैं। जबकि 15,803 शिक्षक ‘बेदाग’ पाए गए। राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए हम हर प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं।’
7-14 सितंबर की परीक्षा में दागी उम्मीदवारों को नहीं मिलेगा प्रवेश
एसएससी अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार ने शुक्रवार को कहा, ‘आयोग की कानूनी टीम पहले ही सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दे चुकी थी कि एक हफ्ते में दागी उम्मीदवारों की सूची दी जाएगी। प्रक्रिया पूरी गति से चल रही है।’ आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि 7 और 14 सितंबर को होने वाली नई SLST परीक्षा में किसी भी दागी उम्मीदवार को प्रवेश पत्र नहीं मिलेगा। अधिकारी ने कहा, ‘हमारे वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि कोई भी दागी उम्मीदवार नई भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं होगा। परीक्षाएं तय समय पर होंगी और पूरी पारदर्शिता रखी जाएगी।’
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एसएससी को दागी सूची जारी करने में लग गए दो साल: मजूमदार
आयोग ने बताया कि जल्द ही ग्रुप C और ग्रुप D श्रेणी के दागी गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सूची भी वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। इसी बीच, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया, ‘एसएससी ने पहले दोपहर 3 बजे सूची अपलोड की, लेकिन उसे हटा दिया गया। आखिरकार रात 8 बजे सूची डाली गई। यह देरी क्यों हुई, समझ से परे है। राज्य की यह एजेंसी अपने कामकाज से बेनकाब हो गई है।’ उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के बार-बार कहने के बाद भी राज्य सरकार और एसएससी को यह दागी सूची जारी करने में दो साल से ज्यादा लग गए। टीएमसी के नेताओं की संलिप्तता के कारण यह घोटाला हुआ, जिसने हजारों योग्य शिक्षकों की आंखों में आंसू ला दिए हैं।